पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया | Pawan uda ke le gayi re
पवन उड़ा के ले गयी रे मेरी माँ की चुनरिया
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
उड़के चुनरिया कैलाश पर, पहुँची गौराजी के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
उड़के चुनरिया अयोध्या में, पहुँची माता सीता के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
उड़के चुनरिया गोकुल में, पहुँची राधा के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
पवन उड़ा के ले गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
उड़के चुनरिया सत्संग में, पहुँची भक्तों के मन को भा गयी रे, मेरी माँ की चुनरिया।
Post Comment