दानी होकर क्यू चुप भाता ये कैसी डातारी रे ( O Shyam Baba Shyam Baba Shyam Baba )
“O Shyam Baba Shyam Baba Shyam Baba” is a heartfelt devotional song dedicated to Lord Shyam, also known as Krishna, expressing the deep devotion and yearning of his devotees. The bhajan questions why the generous and benevolent Shyam Baba remains silent while his devotees suffer, highlighting the intense faith and emotional turmoil experienced by them. The lyrics beautifully convey the longing for divine intervention and blessings, depicting the devotees’ unwavering faith and hope for relief from their troubles. This soulful bhajan serves as a plea for divine grace and a reminder of the enduring bond between the devotees and their beloved deity.
दानी होकर क्यू चुप भाता ये कैसी डातारी रे
ओ श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा
दानी होकर क्यू चुप भाता ये कैसी डातारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा
ओ श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा
दानी होकर क्यू चुप भाता ये कैसी डातारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा
बिन फल के जो व्रक्षा ना सोहे
बिन बालक क्यू नारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
श्याम सुंदर ने खुश होकर
तुझे अपना रूप दिया है
और हमने यूयेसेस रूप का दर्शन
सौ सौ बार किया है
हमारे संकट डोर ना होतो
ये बदनामी तारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
ना मई चाहू हीरा मोटी
ना चाँदी ना सोना
मेरे आँगन भेज दे दाता
तुझसा एक सलोना
हमको क्या जो वन उपवन में
हो रही फुलवारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
जब तक आशा हो ना पूरण
दर से हम ना हटेंगे
हम भागत्ॉ बहका देंगे
हम भी नाम ना लेंगे
नटवर तेरा नाम ना लेंगे
गिरधर तेरा नाम ना लेंगे
सोचले भक्तो का पड़ला
सदा रहा है भारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
दानी होकर क्यू चुप भात ये कैसी डातारी रे
ओ श्याम बाबा क्यू तेरे भगत दुखारी रे
ओ श्याम बाबा श्याम बाबा श्याम बाबा
Post Comment