फागण की धमाल लिरिक्स | Fagan ki Dhamal Lyrics
फागण की धमाल एक पारंपरिक भारतीय भजन है, जो विशेष रूप से फागुन माह के दौरान गाया जाता है। यह भजन होली के त्यौहार की मस्ती और उमंग को दर्शाता है, जिसमें रंगों और हंसी-ठिठोली के साथ भगवान कृष्ण और राधा की लीलाओं का वर्णन किया जाता है। ब्रज क्षेत्र में, विशेष रूप से बरसाना और नंदगांव में, इस भजन को बड़े उत्साह के साथ गाया जाता है, जहाँ लोग कृष्ण और राधा की होली के खेल को याद करते हुए रंग और गुलाल उड़ाते हैं। इस भजन की धुन और बोल सुनने वालों को उत्साहित और आनंदित कर देते हैं।
“फागण आयो रे”
फागण आयो रे, धूम मचायो रे
रंग गुलाल उड़ायो रे, फागण आयो रे।।
बरसाने में होली रे, नंदगांव में होली रे
राधा ने रंग डारो रे, कान्हा भी हँसत आयो रे।।
फागण आयो रे, धूम मचायो रे
रंग गुलाल उड़ायो रे, फागण आयो रे।।
कान्हा ने पकड़ी बंसी रे, राधा रंग डारत हंसी रे
गोपी-ग्वाल मस्ती में, मस्ती से झूमत बंसी रे।।
फागण आयो रे, धूम मचायो रे
रंग गुलाल उड़ायो रे, फागण आयो रे।।
“Fagan Aayo Re”
Fagan aayo re, dhoom machayo re
Rang gulaal udayo re, fagan aayo re.
Barsane mein holi re, Nandgaon mein holi re
Radha ne rang daaro re, Kanha bhi hansat aayo re.
Fagan aayo re, dhoom machayo re
Rang gulaal udayo re, fagan aayo re.
Kanha ne pakdi Bansi re, Radha rang daarat hansi re
Gopi-gwaal masti mein, Masti se jhoomat Bansi re.
Fagan aayo re, dhoom machayo re
Rang gulaal udayo re, fagan aayo re.
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